वह बोली इस दिवाली पर मुझे तुम्हारे दिल की सफाई करनी है। हमने भी जोश में आकर दिल खोल डाला और उसने सुतली बम फोड़ डाला।।
पप्पू जी को दिवाली पर पटाखों से लगता था डर इस दिवाली हो गया दिल बिल्कुल निडर कारण – मंगलसूत्र उसी पटाखे के गले में जा डाला। जिसने पटाखा कहने पर गाल पर कभी पटाखा फोड़ दिया था।
दशहरे के बाद से वह रोज मना रही दिवाली रोज करे चेहरे की पुताई, लगाती है लाली अब दिवाली के दिन छोड़ने लगी अनार नखराली तो सुर्राया और छोड़ के धुंआ शक्ल किया काली। “हैप्पी दिवाली नखराली “
दिवाली पर किया ऐसे पटाखे का अविष्कार कि एक बार चला तो कभी नहीं आएगा पटाखा चलाने का विचार।
चाहते हैं दिवाली पर खुशियां परवान चढ़ें रोशनी जीवन को लगे भिगोने। तो इस बार पटाखें मत चलाओ दो सबको चैन से सोने।।
चिंकु - एक बार ‘बुरा न मानो होली है ! यह कहकर किसी ने मुझ पर रंग फेंक दिया था पिंकु - फिर तुमने क्या किया? चिंटू - बुरा न मानो दिवाली है कहकर मैंने उस पर बम फेंक दिया आज पूरा मोहल्ला मुझे ढूंढ रहा है !!
सलमान – ‘मेरे पास रॉकेट हैं, पटाखे हैं, अनार हैं, चकरी हैं, बम हैं, तुम्हारे पास क्या है? शाहरुख – ‘मेरे पास?’ मेरे पास ‘मा…चीस’ है। अगर लगा दूंगा सभी पे तो कुछ भी नहीं बचेगा!!!
नयी नयी दुल्हन बोली सास से हनीमून तो नहीं करवाया दिवाली पर आपके बैठे से कहो कम से कम दिवाली पर चाँद की सैर ही करा दे सास बोली अपने बेटे से बेटा बहू को राकेट पे बैठा दो और नीचे से आग लगा दो।
दिवाली पर पटाखें ना चलायें जो नहीं फूटे पहले उनको उठायें फिर अपनी पॉकेट में दोस्तों से जलती हुई माचिस की तिल्ली ढलवायें। ऐसे ही कम पैसे में दिवाली मनायें