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चलिए इस पेज पर हम Mahashivratri Facts in Hindi की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
Mahashivratri Facts in Hindi
1. महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। आज के दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन पूरी श्रद्धा के साथ माता पार्वती और शिव की पूजा-उपासना करने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।
2. फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने वैराग्य छोड़कर देवी पार्वती संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था।
इसी वजह से हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।
3. महा शिवरात्रि ब्रह्मांड की दो सबसे बड़ी शक्तियो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का उत्सव है।
4. शिवरात्रि हर महीने आती है परन्तु महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है। महा शिवरात्रि शब्द का अर्थ है ‘शिव की महान रात’
5. लोक कथाओ के अनुसार इस दिन भगवन शिव और माता पार्वती ने विवाह रचाया था।
6. इस रात को भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया, ब्रह्मांड में सभी निर्माण और विनाश का उग्र नृत्य है।
7. यह अविवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष त्यौहार है, जो भगवान शिव की तरह एक पति की चाह रखती हैं वे इस दिन व्रत रख कर भगवान की साधना करती है।
8. विवाहित महिलाएँ सदा सुहागन और अपने पति की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
9. निशिता काल या वह समय जब भगवान शिव पृथ्वी पर शिव लिंगम के रूप में प्रकट होते हैं, शिव पूजा के लिए शिवरात्रि का यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है।
10. महा शिवरात्रि के पर्वों में पूजा, अभिषेक, उपवास और रात्रि में प्रार्थना और ध्यान के साथ जागृत रहना शामिल है।
महाशिवरात्रि की रात से पहले दिन भक्त उपवास रखते हैं। कुछ लोगों का भोजन केवल एक बार होता है जबकि कुछ लोग एक फल और दूध आहार का सेवन करते हैं।
11. इस पर्व पर शिवलिंग को दूध, शहद, शक्कर, मक्खन, काले तिल, गंगाजल आदि का उपयोग करके स्नान कराया जाता है। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाया जाता है और ताजे फल और फूल चढ़ाए जाते हैं।
12. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव विशाल ज्वलंत लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिसे ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। यही वजह है कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा अर्चना को सर्वाधिक श्रेष्ठ माना गया है।
13. इस दिन के महत्वपूर्ण होने का एक कारण यह भी है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने अपना तांडव नृत्य जो कि सृष्टि की रचना, पोषण और संहार का द्योतक है को किया था। उनके एक अनोखे स्वरूप का साक्षात्कार सृष्टि ने इसी दिन किया था।
14. शिव को गंगाधर भी कहा जाता है अतः इस दिन भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने का अत्यधिक महत्व है। भक्त पैदल यात्रा कर गंगाजल लाकर शिव का अभिषेक करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
15. इस दिन को भगवान शिव एवं माता पार्वती के विवाह के दिन के रूप में सर्वाधिक मान्यता प्राप्त है, जिसकी वजह शिव बारात भी इस दिन निकाली जाती है। अनेक स्थानों पर विवाह की पूर्ण परंपराएं भी निभायी जाती हैं।
16. महाशिवत्रि की पूजा व्रत प्रत्येक मनुष्य के लिए पुण्यफलांे को प्राप्त करने का कारक बताया गया है। इसलिए स्त्री-पुरुष सभी इसे विधि-विधान से धारण कर सकते हैं। पूरे दिन व्रत के उपरांत रात्रि जागरण कर शिव का पूजन भजन भी उत्तम बताया गया है।
17. इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है। इस दिन माता पार्वती एवं भगवान शिव की एक साथ पूजा करने से उत्तम पुण्य फलों की प्राप्ति होगी।
18. महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है।
19. यह त्यौहार हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है।
20. कुछ विद्वानों का मत है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवजी और माता पार्वती विवाह-सूत्र में बंधे थे जबकि अन्य कुछ विद्वान् ऐसा मानते हैं कि इस दिन शिवजी ने ‘काल कूट’ नाम का विष पिया था जो सागर मंथन के समय अमृत से पहले समुद्र से निकला था।
21. इस दिन सुबह से ही शिवमंदिर में कतारें लग जाती हैं। लोग जल से तथा दूध से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। जहाँ तक हो सके लोग गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराते हैं। कुछ लोग दूध, दही, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से भी स्नान कराते हैं।
22. शिवलिंग पर चंदन लगाकर उन्हें फूल, बेल के पत्ते अर्पित किये जाते हैं। धूप और दीप से भगवान शिव का पूजन किया जाता है।
23. भगवान शिव को बेल के पत्ते अतिप्रिय है, इसलिए लोग उन्हें बेलपत्र अर्पण करते हैं।
24. महाशिवरात्रि को रात्रि जागरण का भी विधान है। लोग शिवमंदिरों में अथवा घरों में पूरी-पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना करते हैं।
25. कई लोग इस दिन शरीर और मन को पवित्र करने के लिए उपवास भी रखते हैं। कुछ लोग निर्जल रहकर भी उपवास करते है।
26. धार्मिक ग्रंथों में ऐसा विधान है कि भगवान शिव की पूजा करने से सारे सांसारिक मनोरथ पूरे हो जाते हैं। नीति-नियम से न हो सके तो साधारण तरीके से पूजा करने पर या सिर्फ उन्हें स्मरण कर लेने पर भी भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
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