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2023 में दीपावली कब हैं
Fri, 10 Nov, 2023 – Wed, 15 Nov, 2023
दीपावली कब मनाते है?
दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती हैं दीपावली को दीवाली भी कहा जाता हैं दीपावली अपने आप में अकेला त्यौहार नहीं है इसके साथ कई त्यौहार जुड़े हुए हैं।
दीपावली से 3-4 दिन पहले ही त्योहारों की शुरुआत हो जाती है जिसमें रूप चौदस, धन तेरस, छोटी दिवाली आदि आते हैं हर त्यौहार से एक दंत कथा जुड़ी हुई है।
दीपावली से जुड़ी पौराणिक कथाएं
इस दिन भगवान राम अहंकारी रावण का वध करके अपने नगर अयोध्या लौटे थे और इस ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने दीपक जलाये थे और इसी दिन से इसका नाम दीपावली पढ़ गया।
यह भी कहा जाता है की इस दिन कृष्ण भगवान ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया था और इस राक्षस के मरने पर लोगों ने ख़ुशी से दीपक जलाये थे और इसी वजह से दीपावली मनाई जाती है।
इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारण कर हिरण्यकश्यप का वध किया था और लोगों ने इस ख़ुशी में दिये जलाये थे और इसी वजह से इस दिन दीपावली मनाते है।
जैनों का मत हैं की इसी दिन भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस हुआ था इसी दिन अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था।
दीपावली मनाने के पीछे ऐसे कई पौराणिक कथाएँ है, जिसकी वजह से दीपावली मनाई जाती है इसलिए हम कह सकते है की दीपावली खुशियों, हर्षोल्लास, बुराई पर अच्छे और सच्चाई का प्रतीक है।
दीपावली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार
दीपावली के साथ रूप चौदस, धन तेरस, भाई-दूज, अन्नकुट आदि त्यौहार मनाये जाते हैं इसी वजह से दीपावली सभी त्योहारों में सबसे खास त्यौहार है।
दीपावली से जुड़ी कुछ रोचक बातें
1. दीपावली शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हैं दीप + आवली = दीपावली।
दीप का मतलब होता है दीपक और आवली का मतलब होता है लाइन या श्रृंखला अर्थात दीपों की श्रृंखला।
2. दीपावली को ज्ञान, प्रकाश, उम्मीद, आशा आदि का प्रतीक माना जाता है।
3. दीपावली के दिन ही समुन्द्रमंथन से लक्ष्मी और धन्वंतरी प्रकट हुए थे।
दीपावली के दिन क्या-क्या होता है?
इस दिन बच्चे, बूढ़े, जवान सब सुबह जल्दी उठ जाते हैं इसी दिन दुकानें भी जल्दी खुलती है और इस दिन पूरा बाज़ार लोगो के आवागमन से भरा रहता है।
बच्चों के लिए यह बहुत ही ख़ास त्यौहार है इस दिन बच्चे पटाखे और अपने लिए कपड़े खरीदते है, महिलाएँ मिठाइयाँ और साड़ियाँ खरीदती है।
रात के टाइम घर के सब लोग स्नान करके तैयार होते हैं माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और पूजा के बाद सब साथ मिलकर खाना खाते है और फिर पटाखे जलाते है इसके अगले दिन सब लोग एक-दुसरे के घर जाकर गले मिलते है इस तरह यह त्यौहार हंसी-ख़ुशी के साथ पूरा होता है।
दीपावली का हर दिन है ख़ास, जानिये दिवाली के पाँचों दिनों का महत्व
दीपावली को स्वच्छता अभियान का त्यौहार कहना ज्यादा सही रहेगा इस दिन घरों की पुताई की जाती है और पूरे घर की साफ़-सफाई की जाती है।
उबटन से स्नान करने नए-नए कपड़े पहने जाते है और सभी साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखते है इस दिन दीप जलाना, रंगोली बनाना, माता लक्ष्मी का पूजन करना, मिठाई बांटना, अच्छे-अच्छे पकवान बनाना और नई वस्तुएं खरीदने का महत्व रहता है आइए दीपावली के पाँचों दिनों के ख़ास महत्व के बारे में जानते है।
पहला दिन : धनतेरस
दीपावली के पहले दिन को धनतेरस कहा जाता है धन तेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के जनक धनवंतरी की पूजा का महत्व है।
इस दिन समुंद्र मंथन से धनवंतरी प्रकट हुए थे और उनके साथ आभूषण और बहुमूल्य रत्न भी प्राप्त हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन, आभूषण आदि खरीदने का महत्व है।
दूसरा दिन : रूप चौदस
इसे नर्क चतुर्दशी और छोटी दिवाली भी कहा जाता है इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16100 कन्याओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी इस उपलक्ष्य में दीपक की बारात सजाई गई थी।
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन से स्नान करनी चाहिए, इससे सारे पाप समाप्त हो जाते है और सौन्दर्य बढ़ता है।
तीसरा दिन : दीपावली
तीसरा दिन जो सबसे ख़ास दिन होता है वह है दीपावली इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता है और पटाखे जलाये जाता है लोग अपने घर के अंदर और बाहर दीप जलाते है कार्तिक मास की अमावस्या को ही माँ लक्ष्मी प्रकट हुई थी जिन्हें धन, वैभव, ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन राम भगवान रावण का वध करके सीता को उनसे मुक्ति दिलाकर अयोध्या लौटे थे और इस ख़ुशी में वहां के लोगों ने दीप जलाये थे।
इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा द्रव्य, आभूषण आदि का पूजन करके 13 या 26 दीपकों के मध्य 1 तेल का दीपक जलाकर उसकी चारों बातियों को प्रज्वलित करना चाहिए ऐसा प्रयास करना चाहिए की चार बातियों वाला दिया रात भर जलना चाहिए।
चौथा दिन : अन्नकूट या गोवर्धन पूजा
चौथे दिन यानी दीपावली से एक दिन बाद गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन घर के पालतू बैल, गाय, बकरी आदि को अच्छे से स्नान कराके उन्हें सजाया जाता है।
इस दिन घर के आँगन में गोबर से गोवर्धन बनाये जाते है और उनका पूजन करके पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है इस दिन भगवान कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर गांव बसियों को मुसलाधार बरसात से बचाया था।
पांचवा दिन : भाई दूज
दीपावली के ठीक दुसरे दिन को यानी दूज को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है यह दीपावली का अंतिम दिन है भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने और भाई की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है
रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहन को अपने घर बुलाता है और भाई दूज के दिन बहन अपने भाई को अपने घर बुलाकर उसे तिलक कर भोजन कराती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है
इस दिन मान्यता है की यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने के लिए उनके घर गये थे और यमुना जी ने उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराया और वचन लिया था की इस दिन हर साल वे अपनी बहन के घर भोजन के लिए आयेंगे।
साथ ही जो बहन इस दिन अपने भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराएगी तो उसके भाई की लंबी उम्र होगी।
दीपावली पर क्या करें और क्या ना करें?
दीपावली का त्यौहार आने से पहले ही अपने घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें। घर में से सभी कबाड़ को बाहर फेंक दें। इसके अलावा दीपावली के दिन अपने घरों को रंगीन झालरों से सजाए तथा अगर आपका घर कच्चा है तो घर में गोबर से लेपन करें।
अगर पक्का घर है तो भी घर में गोबर के द्वारा कुछ जगह पर लेपन करें। ऐसा करने से शुभ होता है। इसके अलावा साफ स्वच्छ कपड़े पहनने के पश्चात लक्ष्मी गणेश जी की आरती करें, साथ में पंच देव की पूजा करें।
इसके पश्चात एक दूसरे के घर जाएं और एक दूसरे का आशीर्वाद लें और कुशलक्षेम पूछे और फिर पकवान ग्रहण करके आतिशबाजी करके दीपावली का त्यौहार मनाए।
इस दिन किसी भी व्यक्ति के ऊपर अथवा जानवर के ऊपर अत्याचार ना करें, ना ही झूठ बोले और छल कपट को भी त्याग दें।
Diwali Facts in Hindi
1. दिवाली हिंदू कैलेंडर के कार्तिक माह के 15 वें दिन मनाई जाती है। हिंदू धर्म भारत का एक प्रमुख धर्म है और इसे दुनिया का सबसे पुराना धर्म माना जाता है।
2. दिवाली हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है लेकिन सिख, जैन सहित अन्य धर्मों के लोग भी पूरे उत्साह के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। इस त्यौहार को 800 मिलियन से अधिक लोग अलग-अलग तरीकों से मनाते है।
3. कार्तिक मास की अमावस्या को मां लक्ष्मी समुद्रमंथन के बाद धरती पर प्रकट हुई थीं दीपावली के त्यौहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं।
4. भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर जब अयोध्या वापस लौटे थे, उसके बाद समस्त अयोध्या बासियों ने दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत किया था तभी से दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है।
5. प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की नींव दिवाली के दिन रखी गई थी। दीपावली शब्द का हिंदी अर्थ “दीपों की पंक्ति” (दीया) ।
6. दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।
7. यह भारत का सबसे प्रसिद्ध, सबसे बड़ा और उज्ज्वल त्यौहार है। इसे 5 दिनों के लिए मनाया जाता है।
8. जिस रात को दिवाली मनाई जाती है, उसी रात जैनी लोग महाभारत के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के लिए रोशनी का त्यौहार मनाते है।
9. दिवाली मनाने के लिए लोगों के घरों और आस-पास तेल और प्रकाश दीये (lamp) का उपयोग उच्च मात्र में किया जाता है।
10. यह उत्सव उस प्रकाश की याद दिलाता है जो अयोध्या के जंगल से भगवान राम और उनकी पत्नी सीता को लाने के लिए किया गया था।
11. दिवाली के दिये घरों को चमकाते है, आतिशबाजी आसमान को रोशन करती है और रंगोली घरों को सजाती है। ये सब लोग देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए करते हैं।
12. दिवाली के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले दीये मिट्टी के होते है, हालांकि अब प्लास्टिक और धातु के दीये उपलब्ध है। इन दीयों को घी और तेल से भरा जाता है और कपास की बातियाँ का उपयोग किया जाता है पूरी रात दीये जलते है।
13. सिख भी दिवाली मनाते है क्योंकि यह उनके गुरू हरगोविंद साहब और भारत के 52 अन्य राजाओं और राजकुमारिओं की रिहाई का प्रतीक है। जिन्हें मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बंदी बनाया गया था।
14. दिवाली नए साल में प्रवेश करने से पहले सफाई करने, घरों को बेदाग बनाने की परंपरा बन गई है।
15. यह त्यौहार सर्दियों की शुरुवात का भी संकेत है।
16. दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत में हिंदू उपहारों का आदान-प्रदान, नए कपड़े पहन के, भोजन तैयार करके यह त्योहार मनाते है।
17. इस दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों को प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों के लिए कंधे से कन्धा मिलाकर रखा जाता है। भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले माँ लक्ष्मी के द्वारा की जाती है।
18. भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के विवाह के सम्मान में भी दिवाली मनाई जाती है।
19. यह त्योहार दानव नरकासुर के ऊपर भगवान कृष्ण की विजय का प्रतीक भी है।
20. वेस्ट बंगाल में हिंदू लोग दिवाली के अवसर पर देवी काली का सम्मान करते है।
21. सिख लोग दिवाली को उस अवसर के रूप में मनाते हैं जिस दिन उनके गुरू हरगोबिंद जी को ग्वालियर में मुगल शासक जहांगीर की कैद से कई हिंदू राजाओं के साथ रिहा किया गया था।
22. भारत के बाहर अंग्रेजी शहर लीसेस्टर सबसे बड़े दिवाली समारोह की मेजबानी करता है।
23. दिवाली के पीछे सबसे लोकप्रिय परंपरा यह बताती है कि यह उस दिन का प्रतीक है जिस हिंदू देवता भगवान राम राक्षस राजा रावण को मारकर अपने घर अयोध्या लौटे थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शासन में उसकी वापसी का जश्न मनाने के लिए देश भर में रोशनी की गई थी।
24. दुनिया के लगभग हर कोने में एक बड़े भारतीय प्रवासी के साथ दिवाली को श्रीलंका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, फिजी, थाईलैंड, मॉरिशस, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित कई देशों में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता हैं।
25. दिवाली के दौरान अरबों रुपयों की आतिशबाजी की जाती है। इस आतिशबाजी से बहुत अधिक प्रदूषण फैलता है। जो भारतके घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए खतरा है।
26. ये आतिशबाजी स्वास्थ्य संबंधी खतरों जैसे श्वसन संबंधी समस्याओं, दिल के दौरे और अन्य करणों की वजह बनती है।
27. दिवाली में विस्फोट किए गए पटाखों की कुल लागत लगभग एक बिलियन डॉलर आंकी गई है। यह एक बहुत बड़ी राशि है जिसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
28. दिवाली के दौरान आतिशबाजी से बच्चों को खतरा होता है। इसलिए, आवश्यक सावधानी बरती जानी चाहिए और आने वाले वर्षों में त्योहार को मनाने का पर्यावरण अनुकूल तरीका अपनाना चाहिए।
29. भारत के बाहर, यूके के लीसेस्टर (Leicester) शहर में सबसे बड़ा दिवाली समारोह आयोजित होता है. इस समारोह में हजारों लोग भाग लेते हैं.
30. दिवाली न सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्यों में बल्कि विदेश में भी मनाया जाता है भारत के अलावा दिवाली को करीब 11 देशों में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है इनमें गुयाना, फिजी, नेपाल, सिंगापुर, मॉरीशस, म्यांमार, श्रीलंका, सूरीनाम, मलेशिया, त्रिनिदाद और टोबैगो शामिल हैं।
31. दिवाली का त्योहार अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है नेपाल में लोग दिवाली के त्योहार को तिहाड़ या स्वंती के रूप में मनाते हैं।
32. मलेशिया में लोग अस्वायुजा महीने में दिवाली को ‘हरि दिवाली’ के रूप में मनाते हैं थाईलैंड में लोग दिवाली के त्योहार को ‘लम क्रियाओंघ’ के रूप में मनाते हैं, वे पटाखे फोड़ने से बचते हैं और इसके बजाय केले के पत्तों से बने दीपक जलाते हैं।
33. भारत के अलग-अलग राज्यों में भी दिवाली को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है गोवा में दिवाली को राक्षस नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत के रूप में मनाया जाता है पश्चिम बंगाल के लोग इस त्योहारों को काली पूजा के रूप में मनाते हैं।
34. कुछ लोग दीपावली को एक नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में भी मानते हैं।
35. दिवाली के दिन मिट्टी के दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है मिट्टी का दीपक पंचतत्वों से मिलकर बनाता है जो घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
ऋग्वेद के अनुसार दीपक में देवताओं का तेज रहता है, इसकी रोशनी से यश और प्रसिद्धि प्राप्त होती है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
FAQ
ANS: हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को
ANS: भगवान राम के वापस अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत के लिए।
ANS: घर की साफ सफाई, घर को सजाते हैं, भगवान की पूजा पाठ करते हैं तथा आतिशबाजी करते हैं।
ANS: 2022 में दिवाली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को आ रही है।
ANS: लक्ष्मी और गणेश भगवान की
उम्मीद हैं आपको Diwali Facts की जानकारी पसंद आयी होगी।
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