इस पेज पर आप Pen Drive की जानकारी विस्तार से पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में हमने Google Facts in Hindi और Youtube Facts in Hindi की जानकारी शेयर की थी तो उस पोस्ट को भी पढ़े।
चलिए आज हम Pen Drive का क्या काम होता है? इसके प्रकार और उपयोग की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
Pen Drive का क्या काम होता है?
Pen Drive एक Portable Storage Device होता है, जिसका उपयोग डेटा को स्टोर और ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
इन डिवाइस में डेटा को स्टोर करने के लिए Flash Memory Technology का उपयोग किया जाता है, जो एक स्थायी आधार पर डेटा को संग्रहित करता है।
पेन ड्राइव, जिसे USB फ्लैश ड्राइव या थंब ड्राइव के रूप में भी जाना जाता है, छोटे, पोर्टेबल डिवाइस हैं जिनका उपयोग डिजिटल डेटा को स्टोर और ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
वे हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गए हैं, जिससे हम जहां भी जाते हैं महत्वपूर्ण जानकारी और फाइलें अपने साथ ले जा सकते हैं। इस लेख में, हम पेन ड्राइव के विभिन्न कार्यों के बारे में जानेंगे।
1. Data Storage
पेन ड्राइव का प्राथमिक कार्य डिजिटल डेटा को स्टोर करना है। इसमें दस्तावेज़, फ़ोटो, वीडियो, संगीत और किसी अन्य प्रकार की फ़ाइल शामिल है जिसे कंप्यूटर या अन्य डिजिटल डिवाइस पर संग्रहीत किया जा सकता है।
पेन ड्राइव कुछ Gigabytes से लेकर कई Terabytes तक की Storage Capacity में आती हैं, जिससे आप बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर कर सकते हैं।
2. Transfer of Data
पेन ड्राइव का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर करना है। इसमें Computers, Laptops, Smartphones and Tablets के बीच File Transfer करना शामिल हो सकता है।
पेन ड्राइव विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी हैं जो कई उपकरणों पर काम करते हैं, जिससे उन्हें Internet Connection की आवश्यकता के बिना फ़ाइलों को आसानी से एक डिवाइस से दूसरे में स्थानांतरित करने की अनुमति मिलती है।
3. Bootable Drive
पेन ड्राइव को बूट करने योग्य ड्राइव के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि उनका उपयोग कंप्यूटर या लैपटॉप को बूट करने के लिए किया जा सकता है।
जिससे आप ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल या रिपेयर कर सकते हैं। यह आईटी पेशेवरों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिन्हें कंप्यूटर की समस्या निवारण और मरम्मत करने की आवश्यकता होती है।
4. Backup and Recovery
पेन ड्राइव का उपयोग बैकअप और रिकवरी उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आप अपनी महत्वपूर्ण फाइलों का बैकअप बना सकते हैं और उन्हें पेन ड्राइव पर स्टोर कर सकते हैं।
सिस्टम की विफलता या डेटा हानि के मामले में, आप अपनी फ़ाइलों को पुनर्प्राप्त करने के लिए बैकअप का उपयोग कर सकते हैं।
5. Portable Application
पेन ड्राइव का उपयोग पोर्टेबल एप्लिकेशन को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता है। ये ऐसे एप्लिकेशन हैं जिन्हें कंप्यूटर या अन्य डिवाइस पर इंस्टॉलेशन की आवश्यकता के बिना सीधे पेन ड्राइव से चलाया जा सकता है।
Portable Application विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होते हैं जो कई कंप्यूटरों पर काम करते हैं और प्रत्येक डिवाइस पर समान एप्लिकेशन तक पहुंच की आवश्यकता होती है।
अंत में, एक पेन ड्राइव का कार्य डिजिटल डेटा को स्टोर और ट्रांसफर करना है, जिससे आप जहां भी जाते हैं, अपनी महत्वपूर्ण फाइलों को आसानी से अपने साथ ले जा सकते हैं।
पेन ड्राइव पेशेवरों, छात्रों और ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए एक आवश्यक उपकरण है, जिन्हें कई उपकरणों पर काम करने की आवश्यकता होती है।
पेन ड्राइव के विभिन्न कार्यों को समझकर, आप इस बहुउपयोगी डिवाइस का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और अपने डिजिटल जीवन को सरल बना सकते हैं
पेन ड्राइव का इस्तेमाल कैसे करे?
Pen Drive का इस्तमाल करना बहुत ही आसान है। यहाँ पर User को Drive का एक End Computer के USB Port में Insert करना होता है इसे Insert करते ही वो Activate हो जाता है Pen Drive Activate होने पर Computer के Screen पर कुछ Notification Show करती है।
इसका मतलब ही की आपका Drive अब System के साथ Connected हैं एक बार Drive Active हो जाये, फिर Files को आप Drag और Drop या Copy और Paste कर सकते है Memory में ये Process बहुत ही आसान है जिसे कोई भी कर सकता है।
आजकल Market में बहुत सारे अलग अलग computer operating systems मेह्जुद है, इसलिए Pen Drive manufacturers इन pen drives को कुछ इसप्रकार से manufacture करते हैं जैसे ये सभी operating system में काम कर सके।
इसलिए समझदारी इसी में है की आप कोई भी portable storage device खरीदने से पहले उसके packaging को carefully पढ़ें जिससे की ये उनके computer system पर ठीक तरीके से काम करे।
Pen Drive के Important Parts
चलिए Pen Drive के Important Parts के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।1
- USB connector
- Crystal oscillator
- Memory chips
- Controller
जब हम pen drive को computer के साथ connect करते हैं, ये automatically activate हो जाती है इस्तमाल करने के लिए वही अगर इसे में कुछ न करें तब ये dormant (inactive) phase में होती है।
आजकल के specialised tech companies इन pen drives को improve करने के पीछे बहुत काम कर रहे हैं और हमेशा ये चेष्टा कर रहे हैं की कैसे issues को कम से कम किया जा सके और बेहतर features add किया जा सके।
विगत कुछ वर्षों में Pen Drive में काफी improvements देखने को मिली हैं अभी तो हमने USB 2.0 से USB 3.0 pen drives में shift कर चुके हैं जिससे की data transfer rate में काफी बहोतरी हुई है।
पेन ड्राइव के Features
वैसे Pen Drive के बहुत सारे features हैं और जिनके विषय में आज हम यहाँ जानेंगे।
1. Transfer Files
एक pen drive को एक interfacing device के हिसाब में इस्तमाल files transfer जैसे की documents. photos, Mp3 इत्यादि को एक system से दुसरे system तक transfer करने के लिए किया जाता है इसमें बस files को select कर transfer किया जाता है।
2. Portability
ये इतना lightweight और “micro” है की इसे कहीं भी आराम से ले जाया जा सकता है।
3. Backup Storage
प्राय सभी pen drives में password encryption features हैं, जिससे महत्वपूर्ण family information, medical records और photos को backup किया जा सकता है।
4. Transport Data
Academicians, scholars, students इनका इस्तमाल बड़े बड़े files और lectures को कहीं भी transport कर सकते हैं।
5. Promotional Tool
बहुत से companies और businesses अब इन pen drives ला इस्तमाल अपने sales को promote करने के लिए करते हैं जिससे ये उनके marketing agendas को लोगों तक पहुंचा सके।
इन handy pen drives के ऊपर corporate logos और visual imagery जिन्हें की आसानी से exhibitions, trade shows और conferences में लोगों के सामने प्रस्तुत किया जा सके।
पेन ड्राइव के जनरेशन (Generation of Pen Drive)
अब तक पेन ड्राइव की कुल 5 पीढ़ियां आ चुकी हैं 1.0, 2.0, 3.0, 3.1, और 3.2 इन जनरेशन में पेन ड्राइव की गति पर कार्य किया गया हैं, बढ़ती पीढ़ियों में पेन ड्राइव की डाटा ट्रांसफर स्पीड एवं परफॉर्मेंस को बढ़ाया गया हैं।
1. USB 1.0
पेन ड्राइव की शुरुआत फर्स्ट जनरेशन 1.0 से हुई थी, लेकिन बहुत धीमी गति से काम करने के कारण 1.0 पेन ड्राइव को बंद कर दिया गया था, इसे वर्ष 1998 में लॉन्च किया गया था, आज के समय में इस पेन ड्राइव का कहीं भी उपयोग नहीं किया जाता है।
2. USB 2.0
इस पेन ड्राइव को सन् 2002 में लॉन्च किया गया था। इसकी अधिकतम डाटा रीड करने की क्षमता 30mb/s हैं और डाटा राइट करने की क्षमता 15mb/s हैं। इसे हाई स्पीड पेन ड्राइव भी कहा जाता हैं।
3. USB 3.0
इस पेन ड्राइव को सन् 2010 में लॉन्च किया गया था। इसकी अधिकतम डाटा रीड करने की क्षमता 130mb/s हैं और डाटा राइट करने की क्षमता 100mb/s हैं। 2.0 पेन ड्राइव की तुलना में 3.0 की स्पीड 10 गुना ज्यादा हैं।
4. USB 3.1
इस पेन ड्राइव को सन् 2013 में लॉन्च किया गया था। इसकी अधिकतम डाटा रीड करने की क्षमता 400mb/s हैं और डाटा राइट करने की क्षमता 240mb/s हैं, इसे सुपर फास्ट पेन ड्राइव भी कहा जाता हैं।
5. USB 3.2
इस पेन ड्राइव को सन् 2017 में लॉन्च किया गया था। इसकी अधिकतम डाटा रीड करने की क्षमता 1Gb/s हैं और डाटा राइट करने की क्षमता 900mb/s हैं, यह अब तक की सबसे तेज गति से कार्य करने वाली पेन ड्राइव हैं।
यूऍसबी फ़्लैश ड्राइव के इंटरफ़ेस (Interface of Pen Drive)
वर्तमान में पेन ड्राइव के कुल चार इंटरफ़ेस उपलब्ध हैं – Usb type A, Usb type C, Usb micro B और Multi USB pendrive.
- Usb Type A :– यह एक कॉमन इंटरफ़ेस है जो कि हर लैपटॉप और कंप्यूटर में पाया जाता हैं, इसके अलावा यह सबसे ज्यादा बिकने और खरीदे जाने वाला पेनड्राइव का इंटरफेस हैं।
- Usb Type C :– इस इंटरफ़ेस का इस्तेमाल स्मार्टफोन एवं लैपटॉप में किया जाता हैं, यह एक फास्ट इंटरफ़ेस हैं। नए जमाने के कंप्यूटर सिस्टम में भी इसका उपयोग किया जाता हैं।
- Usb Micro B :– इस इंटरफ़ेस का इस्तेमाल सिर्फ स्मार्टफोन में किया जाता हैं, स्मार्टफोन का डाटा बैकअप करने के लिए इस इंटरफ़ेस वाले पेन ड्राइव को बनाया गया था।
- Multi Usb Pendrive :– इस पेन ड्राइव में Usb type A इंटरफेस के साथ Type C या Micro B इंटरफ़ेस जुड़ा हुआ होता है जिसके मदद से कंप्यूटर या लैपटॉप के डाटा को मोबाइल में ट्रांसफर किया जा सकता है या मोबाइल के डाटा को कंप्यूटर और लैपटॉप में ट्रांसफर कर सकते हैं।
पेन ड्राइव के उपयोग (Use of Pen Drive)
ज्यादातर लोग पेन ड्राइव का इस्तेमाल डाटा स्टोरेज और डाटा ट्रांसफर के लिए करते हैं लेकिन इसके अलावा पेन ड्राइव के और भी कई उपयोग हैं –
- Bootable :– कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम को स्थापित(install) करने के लिए पेन ड्राइव का उपयोग किया जाता है, जैसे विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का bootable पेन ड्राइव बनाकर कंप्यूटर में विंडोज इनस्टॉल किया जाता है।
- Live Software :– पेनड्राइव की मदद से कंप्यूटर में बहुत सारे सॉफ्टवेयर को बिना इंस्टॉल किए लाइव चलाया जा सकता हैं।
- Data Transfer :– डाटा ट्रांसफर के लिए पेनड्राइव का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है, कंप्यूटर से डाटा कॉपी करके लैपटॉप और स्मार्टफोन जैसे डिवाइस में डाटा पेस्ट किया जाता हैं।
- Live Operating System :– Linux जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम को बिना इंस्टॉल किए लाइव चला सकते हैं इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट के विंडो को भी लाइव चला सकते हैं।
- Data Storing :– पेन ड्राइव को डाटा स्टोर करने वाला सबसे अच्छा डिवाइस माना जाता है, इसमें बहुत सारा डाटा स्टोर किया जा सकता है एवं या फास्ट डाटा स्टोर करने की क्षमता रखता हैं।
पेन ड्राइव की विशेषताएं (Features of Pen Drive)
ऑप्टिकल डिस्क की तुलना में पेन ड्राइव बहुत छोटी होती है, यह बहुत तेज गति से कार्य करती है और इसे आसानी से कहीं भी लेजाया जा सकता है साथी इसके काफी सारे फायदे और विशेषताएं हैं।
1. Less Power Consumption :– यह कम ऊर्जा का उपयोग करता है और इसमें कोई गतिमान (moving objects) भाग नहीं होता हैं।
2. High Storage Capacity :– इसके अंदर बहुत ज्यादा डाटा स्टोर किया जा सकता है, पेन ड्राइव 1GB, 4GB से लेकर 1TB तक के वेरिएंट्स में उपलब्ध हैं।
3. Security :– अन्य स्टोरेज डिवाइस के मुकाबले पेनड्राइव आसानी से करप्ट नहीं होता हैं यह लंबे समय तक किसी भी तरह के डाटा को करप्ट होने से बचाता है।
4. Portability :– इसका आकार बहुत छोटा होता है इसलिए इसे जींस और शर्ट के पॉकेट में रखकर कहीं भी ले जाया जा सकता हैं।
5. Multi Device Connect :– इसका उपयोग लैपटॉप, कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन जैसे उपकरणों में किया जा सकता है, लेकिन एक सीडी या डीवीडी का उपयोग केवल लैपटॉप और कंप्यूटर में ही किया जा सकता हैं।
6. Pricing :– अन्य स्टोरेज डिवाइस के मुकाबले पेनड्राइव की कीमत काफी कम होती है और यह आसानी से कंप्यूटर की दुकान एवं इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर मिल जाता हैं।
USB Flash Drive के घटक (Component of Pendrive)
Memory chip – मेमोरी चिप के माध्यम से किसी भी तरह के डाटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में स्टोर एवं ट्रांसफर किया जाता है। वास्तव में पेन ड्राइव के अंदर AHCI मोड नाम का एक फंक्शन होता है जो डेटा को कॉपी-पेस्ट करने में मदद करता है, AHCI mode का पूरा नाम Advanced Host Controller Interface हैं।
- LED :– Led के जरिए यह पता लगाया जाता है कि पेन ड्राइव ठीक है या उसमें कोई दिक्कत है। कंप्यूटर या लैपटॉप में पेन ड्राइव डालने के तुरंत बाद एलईडी जलने लगती है, जिससे पता चलता है कि पेन ड्राइव ठीक से काम कर रहा है।
- Controller :– कंट्रोलर पेन ड्राइव के अंदर स्टोर किए गए डाटा को मैनेज करता हैं इसके अलावा किसी भी कंप्यूटर या लैपटॉप में कनेक्ट किए जाने के बाद कंट्रोलर कंप्यूटर के डाटा के साथ इंटरमीडिएट करता हैं यानी कि संपर्क करता हैं।
- Heatsink :– हीट सिंक पेन ड्राइव की गर्मी को सोख लेता है, जिससे पेन ड्राइव खराब नहीं होती है, एक अच्छे पेन ड्राइव में हीट सिंक आयरन और एलुमिनियम का होता है लेकिन कई पेन ड्राइव में यह प्लास्टिक का भी होता है।
FAQ
Ans. 1998
Ans. पेन ड्राइव को USB फ्लैश ड्राइव भी कहा जाता है। RAM एक रीड/राइट मेमोरी है। CPU किसी भी समय RAM की सामग्री को बदल सकता है।
Ans. USB का पूरा नाम Universal Serial Bus है।
Ans. वर्तमान में पेन ड्राइव पांच जनरेशन तक उपलब्ध है।
Ans. 3.2 Type C.
Ans. IBM.
Ans. पेन ड्राइव एक स्टोरेज डिवाइस है, इनपुट या आउटपुट डिवाइस नहीं है।
Ans. वर्तमान में पेन ड्राइव के कुल चार इंटरफ़ेस उपलब्ध हैं – Usb type A, Usb type C, Usb micro B और Multi USB Pendrive.
Ans. 1999 में ही आईबीएम कंपनी ने लिया था।
Ans. यूएसबी या फ्लैश ड्राइव छोटी, हटाने योग्य हार्ड ड्राइव हैं जो आपके कंप्यूटर पर यूएसबी पोर्ट में प्लग होती हैं।
Ans. 128GB पेन ड्राइव USB 2.0 फ्लैश ड्राइव 128GB 128 GB USB 3.0 पेन ड्राइव
Ans. पेन ड्राइव के साइज पर निर्भर करता है अगर 16GB है तो आप उसमे 14GB रख सकते है अगर 32 GB है तो आप 30GB तक रख सकते है।
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