नमस्कार दोस्तों, आज इस पेज पर हम Computer Monitor की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप कंप्यूटर मॉनीटर को समझना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
कंप्यूटर Monitor के बिना चल ही नहीं सकता, मॉनिटर एक Display Device है जो की Computer के लिए एक Output Unit के तौर पर काम करता है। Monitor ही वह Output Unit है जो की एक User के Experience को बयां करता है।
एक अच्छा मॉनिटर को चुनना बहुत ही मुश्किल होता है इसमें ऐसे बहुत से Factors होते हैं जिसके बिना एक Monitor User को कुछ खास Experience नहीं दे पाता। चलिए Computer Monitor की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
Computer Monitor क्या है
Monitor कंप्यूटर का एक Display Unit होता है और साथ ही यह कंप्यूटर का मूल Output Unit भी कहलाता है यह कंप्यूटर के रिजल्ट को एक Soft Copy के रूप में हमे Display करता हैं। यह Output को Picture Format में Display करता है जिससे की Navigation करने में मदद मिलती हैं।
कंप्यूटर मॉनिटर हमेशा CPU के साथ जुड़ा रहता है। VGA, DVI, HDMI, Digital Port, Thunderbolt की मदद से यह मुमकिन हो पाता है और CPU में जो भी Processing होकर निकलता है उसे कुछ Ports की मदद से Monitor Fetch करता और Display करता है।
कुछ साल पहले Television के रूप में भी PC Monitor का इस्तेमाल किया जाता था। बस फर्क इतना था की एक Television का Picture Quality कम Pixels के होने की वजह से इसे Monitor नहीं बनाया गया और दूसरे Monitor का इस्तेमाल किया जाने लगा।
अगर हम Television को एक Monitor के तरह इस्तेमाल करें तो उसमे Visuals बारीकी से नहीं दिखेंगे इसलिए हमे चाहिए एक High Pixel Density Display जो की बारीकी से हर Details को Show कर सके।
अब के टाइम में जो भी Monitors बन रहे हैं सब को दोनों तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। एक अच्छा Monitor Experience को दर्शाने के लिए इसके बहुत सारे फैक्टर्स को देखना पड़ता है।
जैसे की Luminesences, Color Deepthness, Aspect Ratio, Resolution, Dot-Pitch, Refresh Rate and Contrast Ratio तब जाकर एक Monitor को Best कहा जा सकता है।
Computer Monitor का इतिहास क्या है
Monitors को सन 1990 से पहले एक Visual Display Unit के नाम से जाना जाता था। Computer को Operate के लिए पहले कुछ Set of Bulbs का इस्तेमाल किया जाता था।
हर एक Part एक बल्ब से जुड़ा हुआ होता था और यह On/off होकर Indicate करता था कि कौन सा पार्ट काम कर रहा है और कौन सा पार्ट काम नहीं कर रहा।
इसके limitations बहुत कम थे और यह बहुत कम Information दिखाने के काबिल था इसलिए Full Information को Output करने के लिए एक Line Printer का मदद लेना पड़ता था।
सबसे पहले 1897 में CRT का इस्तेमाल करके Karl Ferdinand Braun ने इसका Invention किया था। CRT Monitors को सबसे पहला Monitor माना जाता है।
फिर 1960 में Captain John Ericsson ने Modern Computer Monitor का Invent किया। यह ज्यादा Flexible था और पूरी Information को Visually Represent करने में माहिर था। इसीलिए इनको Father of Computer Monitor कहा जाता है।
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Monitors के प्रकार क्या है
जब से Monitor का इज़ात हुआ तब से लेकर कुछ साल पहले तक CRT का इस्तेमाल किया जाने लगा फिर इसकी जगह New LEDs ने ले ली। यह Portable के साथ साथ बहुत Light-Weight और High Resolution Picture देने में माहिर थे।
कुछ प्रकार के Monitors के बारे में नीचे बताने जा रहा हूँ जिससे की आपको पता चल जायेगा की कुल कितने तरह के Monitors को अब इस्तेमाल किया जाता है।
1. CRT (Cathode Ray Tube)
CRT Monitors को सबसे पहला Monitor माना जाता है। यह कुछ Cathode Tubes के संयोग से बना होता है यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाला Monitors में से भी एक है।
यह Electron Gun, Electron Grid, Phosphorous Coated Glass Display से बने हुए होते हैं। सबसे पहले Electron Beam को Electron Guns से छोड़ा जाता है फिर यह Electron Grid से टकराता है जिससे की इसकी गति धीमी पढ़ जाती है।
फिर यह Glass Display जो की Phosphorous से Coated होते हैं उन पर पड़ता है जिसकी वजह से Pixels को Lights मिलता है और Picture Generate होता है। यह बहुत ज्यादा Power Consuming है जिसकी वजह से इसको LCD Monitors से Replace किया गया।
2. LCD (Liquid Crystal Display)
LCD Monitors बहुत Compact के साथ-साथ Low Power Consuming भो होते हैं। इसी कारण की वजह से इसका Value Market में ज्यादा है। बहुत ही Compact होने की वजह से इसमें इस्तेमाल होने वाले Parts भी Compact होते हैं जिनमे से एक Crystal Display होता है।
इसकी खास बात यह है की यह Mono Chromic Pixel का इस्तेमाल करता है जिसकी वजह से Picture Quality बहुत High होती है और User को एक अच्छा अनुभव मिलता है। इस तरह के Monitor Less Power Consuming और कम Heat Produce करते है।
3. OLED (Organic Light-Emitting Diode)
Correct Color को Catch करने के लिये इसमें Organic Polymer का इस्तेमाल किया जाता है जिससे की Picture Quality अच्छी आये और बहुत सारे Color को यह Filter कर पाए वो भी बिना किसी Back Light की मदद से। यह सबसे कम Power Supply में भी चल कर 4K Resolution देने की काबिलियत रखता है।
FAQ
Ans. कम्प्यूटर मॉनीटर या डिस्प्ले (जिसे दृश्य प्रदर्शन इकाई, अंग्रेजी में Visual Display Unit भी केहते हैं) एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिस्पले डिवाइस है। एक मॉनीटर में प्रदर्शन इकाई, प्रदर्शन इकाई और आवरण होता है।
Ans. रंग के आधार पर मॉनिटर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है।
1. Monochrome (मोनोक्रोम)
2. Gray Scale (ग्रे – स्केल)
3. Color Monitor (रंगीन मॉनिटर)
Ans. Monitor कंप्यूटर का एक Display Unit होता है और साथ ही यह कंप्यूटर का मूल Output Unit भी कहलाता है यह कंप्यूटर के रिजल्ट को एक Soft Copy के रूप में हमे Display करता हैं।
यह Output को Picture Format में Display करता है जिससे की Navigation करने में मदद मिलती हैं। कंप्यूटर मॉनिटर हमेशा CPU के साथ जुड़ा रहता है।
Ans. कार्ल फर्डिनेंड ब्रौन नाम के एक जर्मन वैज्ञानिक ने 1897 में पहला मॉनिटर बनाया। यह सब एक फ्लोरोसेंट स्क्रीन के साथ कैथोड ट्यूब से शुरू हुआ जो इलेक्ट्रॉनों के गुजरने पर प्रकाश उत्पन्न करता था।
Ans. मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर पर दर्ज और संसाधित की जाने वाली जानकारी को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। मॉनिटर का प्राथमिक उपयोग कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न छवियों, टेक्स्ट, वीडियो और ग्राफिक्स जानकारी को कंप्यूटर के वीडियो कार्ड के माध्यम से प्रदर्शित करना है।
Ans. Computer Monitor एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसे Visual Display Unit भी बोलते हैं।
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